Hanuman Pachasa, श्री हनुमान पचासा

Hanuman Pachasa: हनुमान पचासा भगवान हनुमान को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। इसमें 50 श्लोक होते हैं जो हनुमान जी की महिमा और उनके अद्वितीय गुणों का वर्णन करते हैं। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ने से भक्त को कई लाभ मिलते हैं। यहाँ सरल हिंदी में हनुमान पचासा प्रस्तुत है। हनुमान पचासा का नियमित पाठ करने से भक्त को हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ें।

Hanuman Pachasa, श्री हनुमान पचासा

जय हनुमान दास रघुपति के।
कृपामहोदधि अथ शुभ गति के।।

आंजनेय अतुलित बलशाली।
महाकाय रविशिष्य सुचाली।।

शुद्ध रहे आचरण निरंतर।
रहे सर्वदा शुचि अभ्यंतर।।

बंधु स्नेह का ह्रास न होवे।
मर्यादा का नाश न होवे।।

बैरी का संत्रास न होवे।
व्यसनों का अभ्यास न होवे।।

मारूतनंदन शंकर अंशी।
बाल ब्रह्मचारी कपि वंशी।।

रामदूत रामेष्ट महाबल।
प्रबल प्रतापी होवे मंगल।।

उदधिक्रमण सिय शोक निवारक।
महावीर नृप ग्रह भयहारक।।

जय अशोक वन के विध्वंशक।
संकट मोचन दु:ख के भंजक।।

जय राक्षस दल के संहारक।
रावण सुत अक्षय के मारक।।

भूत पिशाच न उन्हें सताते।
महावीर की जय जो गाते।।

अशुभ स्वप्न शुभ करनेवाले।
अशकुन के फल हरनेवाले।।

अरिपुर अभय जलानेवाले।
लक्ष्मण प्राण बचानेवाले।

देह निरोग रहे बल आए।
आधि व्याधि मत कभी सताए।

पीडक श्वास समीर नहीं हो।
ज्वर से प्राण अधीर नहीं हो।।

तन या मन में शूल न होवे।
जठरानल प्रतिकूल न होवे।।

रामचंद्र की विजय पताका।
महामल्ल चिरयुव अति बांका।।

लाल लंगोटी वाले की जय।
भक्तों के रखवालों की जय।।

हे हठयोगी धीर मनस्वी।
रामभक्त निष्काम तपस्वी।।

पावन रहे वचन मन काया।
छले नहीं बहुरूपी माया।।

बनूं सदाशय प्रज्ञाशाली।
करो कुभावों से रखवाली।।

कामजयी हो कृपा तुम्हारी।
मां समभाषित हो पर नारी।।

कुमति कदापि निकट मत आए।
क्रोध नहीं प्रतिशोध बढाए।।

बल धन का अभिमान न छाए।
प्रभुता कभी न मद भर पाए।।

मति मेरी विवेक मत छोडे।
ज्ञान भक्ति से नाता जोडे।।

विद्या मान न अहं बढाए।
मन सच्चिदानंद को पाए।।

तन सिंदूर लगानेवाले।
मन सियाराम बसानेवाले।।

उर में वास करे रघुराई।
वाम भाग शोभित सिय माई।।

सिन्धु सहज ही पार किया है।
भक्तों का उद्धार किया है।।

पवनपुत्र ऐसी करूणाकर।
पार करूं मैं भी भवसागर।।

कपि तन में देवत्व मिला है।
देह सहित अमरत्व मिला है।।

रामायण सुन आनेवाले।
रामभजन मिल गानेवाले।।

प्रीति बढे सियाराम कथा से।
भीति न हो त्रयताप व्यथा से।।

राम भक्ति की तुम परिभाषा।
पूर्ण करो मेरी अभिलाषा।।

याद रहे नर देह मिला है।
हरि का दुर्लभ स्नेह मिला है।।

इस तन से प्रभु को पाना है।
पुन: न इस जग में आना है।।

विफल सुयोग न होने पाए।
बीत सुअवसर कहीं न जाए।।

धन्य करूं मैं इस जीवन को।
सदुपयोग करके हर क्षण को।।

मानव तन का लक्ष्य सफल हो।
हरि पद में अनुराग अचल हो।।

धर्म पंथ पर चरण अटल हो।
प्रतिपल मारूति का संबल हो।।

कालजयी सियराम सहायक।
स्नेह विवश वश में रघुनायक।।

सर्व सिद्धि सुत संपत्ति दायक।
सदा सर्वथा पूजन लायक।।

जो जन शरणागत हो जाते।
त्रिभुजी लाल ध्वजा फहराते।1

कलि के दोष न उन्हें दबाते।
सद्गुण आ उनको अपनाते।।

भ्रांत जनों के पंथ निदेशक।
रामभक्ति के तुम उपदेशक।।

निरालम्ब के परम सहारे।
रामचंद्र भी ऋणी तुम्हारे।।

त्राहि पाहि हूं शरण तुम्हारी।
शोक विषाद विपद भयहारी।।

क्षमा करो सब अपराधों को।
पूर्ण करो संचित साधो को।।

बारंबार नमन हे कपिवर।
दूर करो बाधाएं सत्वर।।

बरसाओं सौभाग्य वृष्टि को।
रखो सर्वदा दयादृष्टि को।।

पाठ पचासा का करे , जो प्राणी प्रतिबार।
श्रद्धानंद सफल उसे, करते पवनकुमार।।

पवनपुत्र प्रात: कहे, मध्य दिवस हनुमान।
महावीर सायं कहे , हो निश्चय कल्याण।।

करें कृपा जन जानकर , हरें हृदय की पीर।
बास करे मन में सदा, सिया सहित रघुवीर ।

Hanuman Pachasa (श्री हनुमान पचासा) के लाभ

हनुमान पचासा Hanuman Pachasa का नियमित और सच्चे मन से पाठ करने से इन सभी लाभों का अनुभव किया जा सकता है।

  • सुरक्षा: हनुमान पचासा (Hanuman Pachasa) का पाठ करने से व्यक्ति को हर प्रकार की सुरक्षा मिलती है। यह बुरी शक्तियों, भूत-प्रेत, और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।
  • शक्ति: हनुमान पचासा पढ़ने से शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है। यह व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।
  • आशीर्वाद: हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • रोगों से मुक्ति: हनुमान पचासा (Hanuman Pachasa) का नियमित पाठ करने से शरीर के रोग और कष्ट दूर होते हैं।
  • संकट से मुक्ति: यह मंत्र जीवन के सभी संकटों को दूर करता है और व्यक्ति को हर मुश्किल परिस्थिति से निकालता है।
  • शांति और समृद्धि: हनुमान पचासा (Hanuman Pachasa) का पाठ करने से घर में शांति और समृद्धि आती है। परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  • भय से मुक्ति: यह पाठ व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्त करता है, चाहे वह मानसिक हो या भौतिक।
  • भक्ति और श्रद्धा: हनुमान पचासा का पाठ करने से व्यक्ति की भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है। इससे हनुमान जी के प्रति समर्पण और विश्वास मजबूत होता है।
  • मानसिक शांति: यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को कम करता है।
  • मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं: सच्चे मन से हनुमान पचासा (Hanuman Pachasa )का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती
Hanuman Pachasa
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