Hanuman Janjira, हनुमान जंजीरा मंत्र लिखित में, हनुमान जंजीरा के लाभ, हनुमान जंजीरा कैसे सिद्ध करें?, सर्व कार्य-सिद्धि जंजीरा मंत्र
Hanuman Janjira: हनुमान जंजीरा मंत्र, जिसे हनुमान कवच भी कहा जाता है, भगवान हनुमान को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। यह माना जाता है कि श्रद्धा से इसका पाठ करने से सुरक्षा, शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस मंत्र में “जंजीरा” शब्द का मतलब सुरक्षा कवच है, जो यह दर्शाता है कि इस मंत्र का पाठ हनुमान जी की सुरक्षा पाने के लिए किया जाता है।
Hanuman Janjira, हनुमान जंजीरा मंत्र लिखित में
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत,
छिन में कीलौ नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान हुँकाला,
ताती लोहा लंकाला, शीश जटा डग डेरू उमर गाजे,
वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला, आगे अर्जुन पीछे भीम,
चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे,
ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुँवर हड़मान करें।
हनुमान जंजीरा मंत्र (Hanuman Janjira) के लाभ
हनुमान जंजीरा मंत्र का जाप करने से साधक को हर तरह की सुरक्षा मिलती है। इस मंत्र के प्रभाव से भूत-प्रेत, पिशाच, डाकिनी, शाकिनी जैसी ऊपरी बाधाएं तुरंत दूर हो जाती हैं। इस मंत्र को सिद्ध करने पर साधक न सिर्फ खुद को, बल्कि दूसरों को भी इसका लाभ दे सकता है। यह शाबर मंत्र तुरंत असर करता है।
हालांकि, Hanuman Janjira मंत्र का उपयोग स्वार्थी या गलत उद्देश्यों के लिए नहीं करना चाहिए। मंत्र का उच्चारण सही तरीके से और शुद्ध भावना के साथ करना चाहिए। यह एक सुरक्षा मंत्र है, इसलिए सच्ची भावना के साथ हनुमान जी से अपनी रक्षा की प्रार्थना करें और सेवा में समर्पित रहें। इससे जरूर लाभ मिलेगा।
हनुमान जंजीरा मंत्र (Hanuman Janjira) का जाप करने की विधि
- साफ-सफाई और स्नान: सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ करें।
- पूजा स्थल तैयार करें: हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने एक आसन बिछाएं। एक दीपक जलाएं और अगरबत्ती जलाएं।
- प्रणाम और संकल्प: हनुमान जी को प्रणाम करें और संकल्प लें कि आप पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का जाप करेंगे।
- पूजा सामग्री: हनुमान जी को सिंदूर, चंदन, फूल, और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।
- मंत्र का जाप: आराम से बैठकर मन को शांत करें। हनुमान जंजीरा मंत्र का उच्चारण शुरू करें। आप इसे 108 बार जाप कर सकते हैं या जितनी बार संभव हो।
- ध्यान: मंत्र जाप के बाद, हनुमान जी का ध्यान करें और उनसे अपनी रक्षा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें। इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करें, खासकर मंगलवार और शनिवार को।